दोपहर का भोजन एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार की कहानी है। कहानी में घर में कुल पाँच सदस्य है माता-पिता और उनके तीन बेटे। पात्र परिचय…
हार की जीत सुदर्शन की पहली कहानी थी। जो कि सन् 1920 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई। कहानी बाबा भारती और उनके प्रिय घोड़े…
पाजेब जैनेन्द्र की प्रतिनिधि कहानी है, जो कि बाल मनोविज्ञान पर आधारित है। कहानी प्रथम पुरुष शैली में लिखी गई है। यह बाल मनोविज्ञान पर…
सिक्का बदल गया कहानी वर्ष 1948 में प्रतीक पत्रिका में प्रकाशित हुआ। इस कहानी में विभाजन से उत्पन्न कठोर परिस्थितियों का मार्मिक चित्रण है। इस…
लाल पान की बेगम कहानी नारी सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर लिखी गयी है। इस कहानी के माध्यम से रेणु जी ने नारी के स्वाभिमान…
इंस्पेक्टर मातादीन चाँद पर कहानी हरिशंकर परसाई जी की लोकप्रिय व्यंग्य रचना है। पुलिस के अत्याचारों की ओर लोगों का ध्यानाकर्षण करने वाली रचना है।…
चीफ़ की दावत कहानी मध्यवर्गीय सोच, परिवेश और पारिवारिक रहन-सहन को दिखाती है। अपने वृद्ध हो चुके माता-पिता के साथ किए जाने वाले व्यवहार को…
अपना-अपना भाग्य कहानी में देश में सर्वथा व्याप्त ऐैसी दारुन स्थिति को दर्शाया गया है। कहानी में सामाजिक विषमता गरीब और अमीर के बीच की…