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दुलाई वाली कहानी – राजेन्द्रबाला घोष की समीक्षा और पात्र

दुलाई वाली कहानी को हिंदी की प्रथम मौलिक कहानी माना गया है। दुलाई वाली वर्ष 1907 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई। स्थानीयपन, यथार्थ और…

कानों में कंगना कहानी – राधिकारमण प्रसाद सिंह की समीक्षा/सार और पात्र

“कानों में कंगना” वर्ष 1913 में “इंदु” में प्रकाशित हुई। यह एक मार्मिक कहानी है। मनुष्य के विवेक को जागृत करने वाले स्थलों का सूक्ष्म…

चंद्रदेव से मेरी बातें कहानी – राजेन्द्र बाला घोष की समीक्षा/सार और पात्र

चंद्रदेव से मेरी बातें कहानी वर्ष 1904 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। हिंदी साहित्य में नारी आधुनिकता की शुरुआत करने वाली पहली लेखिका…

बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास – हजारीप्रसाद द्विवेदी की समीक्षा और पात्र

बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास में इतिहास और कल्पना का ऐसा सुंदर समन्वय है कि दोनों एक दूसरे के पूरक बन गए है। इसका संबंध संस्कृत…

मैला आँचल उपन्यास – फणीश्वरनाथ रेणु की समीक्षा और पात्र

मैला आँचल उपन्यास की शुरुआत 1946 में बिहार के एक पिछड़े गाँव मेरीगंज में मिलेट्री के आने से होता है। रेणु जी ने बहुजनों की…

शेखर : एक जीवनी उपन्यास – अज्ञेय की समीक्षा और पात्र

शेखर : एक जीवनी उपन्यास अज्ञेय की बहुचर्चित मनोवैज्ञानिक उपन्यास है। यह उपन्यास दो भागों में विभक्त है – उत्थान और उत्कर्ष । पहला भाग…

परीक्षा गुरु उपन्यास – लाला श्रीनिवास दास की समीक्षा और पात्र

परीक्षा गुरु उपन्यास जो कि लाला श्रीनिवास दास द्वारा लिखित 1882 में प्रकाशित हुई। जिसे हिंदी का प्रथम मौलिक उपन्यास भी माना जाता है। आचार्य…

देवरानी-जेठानी की कहानी – पंडित गौरीदत्त की समीक्षा और पात्र

यहाँ हम देवरानी-जेठानी की कहानी (1870) पंडित गौरीदत्त द्वारा लिखित की समीक्षा और उसके सार की चर्चा करेंगे। इस उपन्यास को हिंदी का प्रथम उपन्यास…

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